Friday, February 6, 2009

SargamStudio

Hi I am Anuj Kashyap Prajapati

3 comments:

  1. ब्लॉग तुम्हारा देखा कश्यप,
    कुछ भी अब तक लिखा नही है।
    कविता, सुर, संगीत नदारत,
    कौशल अब तक दिखा नही है।।

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  2. Very Very Very Very Very Very Very Very Very good mausa ji. Aapki kalam bauth Achi hai.

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  3. विवाह के पश्चात ही पुरुष पुरुषत्व को प्राप्त होता है। विवाह होने पर पूर्ण पुरुष होता है और सदाचारी संतान उत्पन्न करके देश, धर्म, जाति सेवा के साथ देव, ऋषि, पितृऋण से भी उन्मुक्त हो सकता है। विवाह संस्कार सर्वश्रेष्ठ संस्कार है। इससे मनुष्य धर्म-अर्थ-काम और मोक्ष की सिद्धि कर सकता है।

    इस संस्कार को मुनियों ने श्रेष्ठ बताया है। यह संस्कार योग्य समय में होने पर ही दाम्पत्य सुख, ऐश्वर्य भोग और उत्तम प्रजोत्पादन करके मनुष्य अपने पितृ ऋण से मुक्त होता है। सर्वकाल विवाह के लिए शुभ मानकर चाहे जब रजिस्टर पद्धति से कोर्ट में जाकर तथा कपोल-कल्पित नियमानुसार विवाह करवा लेते हैं। यह सर्वथा अनुचित है। विवाह के लिए वेदों में भी पर्याप्त निर्णय है।

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