Wednesday, February 11, 2009

जब प्यार बन जाए जिंदगी

प्यार का हकीकत बन जिंदगी में रस घोलना केवल किस्मतवालों के साथ ही होता है। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जो सही समय पर सही फैसला लेकर अपने प्यार को अपना लेते हैं वरना कई लोग तो बदनामी के डर से उसे बीच राह में ही छोड़कर किनारा कर लेते हैं। कहते हैं जब प्यार हो ही गया है तो उसे जमाने से छिपाने से क्या फायदा? जमाने के डर से अगर आपने अपने प्यार का इजहार नहीं किया तो कहीं ऐसा न हो जाए कि आपका प्यार आपका इंजार करते-करते मायूस होकर अपना इरादा न बदल दे।

2 comments:

  1. मेरा चित्र प्रकाशित करके, अच्छा ब्लॉग सजाया है।
    कश्यप जी ने-कम्प्यूटर में, अपना नाम कमाया है।।

    कृपया WORD-VERIFICATION हटा दें। टिप्पणी पोस्ट करने में मजा नही आता है।

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  2. मौसी जी का सिर गायब है, धड़ को ही दिखलाया है।
    मौसा जी को प्रकट कर दिया, यह मन को नही भाया है।।

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